बस रहना चाहता हूं"
जिस्मों से खेलने का, मुझे कोई शौक नहीं है,
मैं तेरी रूह में घर बांध के, बस रहना चाहता हूं।
पता नहीं ऐसा क्या देख लिया तुझ में,कि दिल
हो गया तेरा, बात इतनी सी, बस कहना चाहता हूं।
बीच दरिया में समंदर के, उड़ती हुई जुल्फ़ों की
तरह, तेरे आंचल के सहारे ,बस बहना चाहता हूं।
©Anuj Ray
# बस रहना चाहता हूं"