शीर्षक : शुरुआत हो गयी है ।
शुरुआत हो गयी है,
खुद को एक नई शक्शियत बनाने की
लोगो को दिखाने की,
और खुद को आजमाने की
शुरुआत हो गयी,
खुद को ही खुद से हराने की
कि मसला था,
खुद की भी सुनता नहीं था मैं कभी
शुरुआत हो गयी है आज,
खुद की सुनने
और खुद को ही अपनी सुनाने की
रहता था एक अजनबी मेरे अंतर्मन में,
जिसकी कोशिश होती थी
सदा मुझे हँसाने की
पर न बदलता था और
न हँसता था मैं
पर शुरुआत हो गयी है,
अब खुद को बदलने की
और उम्र भर हसाने की
ज्योति राज कश्यप
©jyoti raj kashyap
shuruaat ho gayi ......