यादों से भरी रात
तुम तो नहीं हो मेरे पास
आँखें हैं मेरी भरी भरी
तेरी यादों में खोई खोई
तेरी बातें करूँ मैं याद
कहती थी तुम मुझे हर बार
जब दीप जले तुम चले आना
रुकना ना कहीं तुम
आज तुम ही नहीं हो पास मेरे
यादों से भरी रात
तुम तो नहीं हो मेरे पास
©Prabhat Kumar
#प्रभात