#Nojoto #Zindagi #Nojotovoice
Please read
ज़िन्दगी
कभी मेरी दोस्त बनके मुझे
सहारा देती है
तो कभी दुश्मन बनके
मुझे फिरसे गिरा देती है
कभी मेरा हाथ पकड़ मुझे
चलना सिखाती है
तो कभी मुझे धक्का दे
ज़मीं पे गिरा देती है
कभी मुझसे लड़ती है
तो कभी ढेर सारा प्यार जता देती है
कभी एक खेल बनके रह जाती है
तो कभी मुझसे खेल खिलवाती है
कभी सूरज की तपिश की तरह मुझे जलाती है
तो कभी चांद निकलने पर मुझे तारे की ओट में
लोरी सुनाती है
कितनी अजीब है न ये ज़िन्दगी
खुद ही गिराती है और खुद ही उठाती है
जिस राह भेजती है कभी उसी राह से वापस बुला लेती है
कभी इतना सताती है की ख़ुदका क़तल खुद ही करवा लेती है
वैसे देखा जाए तो आजकल ये लोगो का मनपसंद खिलौना बन गयी है
लोग ज़िन्दगी से खेलना बोहोत पसंद करते है कभी खुद्की तो कभी औरो की