White *कहाँ पर बोलना है,*
*और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
*जहाँ खामोश रहना है,*
*वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸
*कटा जब शीश सैनिक का,*
*तो हम खामोश रहते हैं,*
*कटा एक सीन पिक्चर का,*
*तो सारे बोल जाते हैं.!!* 🌸
*नयी नस्लों के ये बच्चे,*
*जमाने भर की सुनते हैं,*
*मगर माँ बाप कुछ बोले,*
*तो बच्चे बोल जाते हैं.!!*🌸
*बहुत ऊँची दुकानों में,*
*कटाते जेब सब अपनी,*
*मगर मज़दूर माँगेगा,*
*तो सिक्के बोल जाते हैं.!!*🌸
*अगर मखमल करे गलती,*
*तो कोई कुछ नहीँ कहता,*
*फटी चादर की गलती हो,*
*तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸
*हवाओं की तबाही को,*
*सभी चुपचाप सहते हैं,*
*चिरागों से हुई गलती,*
*तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸
*बनाते फिरते हैं रिश्ते,*
*जमाने भर से अक्सर हम,*
*मगर घर में जरूरत हो,*
*तो रिश्ते भूल जाते हैं.!!*🌸
*कहाँ पर बोलना है,*
*और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
*जहाँ खामोश रहना है,*
*उत्तम वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸
💐🌷
©Jeetal Shah
#life_quotes
*कहाँ पर बोलना है,*
*और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
*जहाँ खामोश रहना है,*
*वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸