White ख्वाब देखे बेहिसाब कुछ मुकम्मल हुए, कुछ आज भ | हिंदी Shayari

"White ख्वाब देखे बेहिसाब कुछ मुकम्मल हुए, कुछ आज भी जिंदा है कुछ बीता कल हुए, नादान परिंदा क्या जाने बस उड़ते ही रहना, उड़ने को जो पर मिले वो भी तो ओझल हुए। © Prashant Sharma"

 White ख्वाब देखे बेहिसाब कुछ मुकम्मल हुए,
कुछ आज भी जिंदा है कुछ बीता कल हुए,
नादान परिंदा क्या जाने बस उड़ते ही रहना,
उड़ने को जो पर मिले वो भी तो ओझल हुए।

© Prashant Sharma

White ख्वाब देखे बेहिसाब कुछ मुकम्मल हुए, कुछ आज भी जिंदा है कुछ बीता कल हुए, नादान परिंदा क्या जाने बस उड़ते ही रहना, उड़ने को जो पर मिले वो भी तो ओझल हुए। © Prashant Sharma

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