प्यार का तोहफा बहुत ही निराला था मैंने संजोया था स | हिंदी शायरी

"प्यार का तोहफा बहुत ही निराला था मैंने संजोया था सपना एक बहुत ही प्यारा था लेकिन उन्हें रास नहीं है मेरा प्यार क्योंकि तोहफा बहुत ही पुराना था क्योंकि वह तोहफा ग़ालिब का गुलदस्ता था"

 प्यार का तोहफा बहुत ही निराला था मैंने संजोया था सपना एक बहुत ही प्यारा था लेकिन उन्हें रास नहीं है मेरा प्यार क्योंकि तोहफा बहुत ही पुराना था क्योंकि वह तोहफा ग़ालिब का गुलदस्ता था

प्यार का तोहफा बहुत ही निराला था मैंने संजोया था सपना एक बहुत ही प्यारा था लेकिन उन्हें रास नहीं है मेरा प्यार क्योंकि तोहफा बहुत ही पुराना था क्योंकि वह तोहफा ग़ालिब का गुलदस्ता था

#Umeed

People who shared love close

More like this

Trending Topic