"White खयाल हजार आए
क्या फर्क पड़ता है
बस उसका खयाल आसमान में
तारों के जैसा नहीं
चांद के जैसा होना चाइए
चूम कर हाथ महोब्बत निभाई नही जाती
कभी कभी पैरो को चूमना भी
जरूरी होता है
पत्नी का किरदार निभा देती है
आपके बेटे की मां का किरदार निभा कर
कभी कभी उसके आगे भी
झुकना जरूरी होता है
©akash shrivastav
"