यहाँ मां दुर्गा की आरती का एक श्लोक है:
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
मंग सिंदूर विराजत, टिको मृगमद को॥
हरिणी रंगमद रंगात, कोहिनूर ज्ञानको।
मैया जय अम्बे गौरी, जय श्यामा गौरी॥
जैसे दीपक जलात, जैसे बादल गाय।
जैसे गंधर्व गात, जैसे नरद नाराध को॥
जैय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
शुम्भ निशुम्भ विदारिनी, महिषासुर ग्यारो॥
रूप कराल कालिका, दिखलावत अति श्यामा।
जैय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी॥
लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गात।
उर अनंग महादेव की, पावन पुत्र मात॥
मैया जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
हरि ब्रह्मा शिवजी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
©Yogesh Pratap
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