अगर मोदी जी अपनी साख और प्रतिष्ठा बचाना चाहते हैं | हिंदी विचार

"अगर मोदी जी अपनी साख और प्रतिष्ठा बचाना चाहते हैं,भाजपा को जिन्दा रखना है तो उन्हें अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाने से बचना चाहिए और भाजपा का नेतृत्व किसी और नेता यथा नितिन गडकरी,राजनाथ सिंह या किसी और वरिष्ठ नेता को सौंपकर एक मिसाल पैदा करना चाहिए! अन्य दलों खासकर जदयू,तेलगू देने के समर्थन से सरकार चलाना टेढ़ी खीर साबित होगीऔर मोलजोल,सौदेबाजी के कारण सरकार अस्थिरता हमेशा आशंका से त्रस्त होगी! भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाते यही श्रेयस्कर होगा! इससे फायदा यह होगा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बहुत जोड़- तोड़ और मशक्कत करने की जरूरत होगी और इसमें शामिल नेताओं की पद- लिप्सा और महत्त्वाकंक्षा के कारण सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल पायेगी इसके परिणामस्वरूप छ: महीने के अन्दर मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं! ऐसी स्थिति में विपक्षी गठबंधन की सरकार की असफलता को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव में बहुमत या उससे अधिक सीटें सीटें प्राप्त करने की कोशिश कर सकती है ©Manojkumar Srivastava"

 अगर मोदी जी अपनी साख और प्रतिष्ठा बचाना चाहते  हैं,भाजपा को जिन्दा रखना है तो उन्हें अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाने से बचना चाहिए और भाजपा का नेतृत्व किसी और नेता यथा नितिन गडकरी,राजनाथ सिंह या किसी और वरिष्ठ नेता को सौंपकर एक मिसाल पैदा करना चाहिए! अन्य दलों खासकर जदयू,तेलगू देने के समर्थन से सरकार चलाना टेढ़ी खीर साबित  होगीऔर मोलजोल,सौदेबाजी के कारण सरकार अस्थिरता हमेशा आशंका से त्रस्त होगी! भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाते यही  श्रेयस्कर होगा!
इससे फायदा यह होगा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बहुत जोड़- तोड़ और मशक्कत करने की जरूरत होगी और इसमें शामिल नेताओं की पद- लिप्सा और महत्त्वाकंक्षा के कारण सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल पायेगी इसके परिणामस्वरूप छ: महीने के अन्दर मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं! ऐसी स्थिति में विपक्षी गठबंधन की सरकार की असफलता को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव में बहुमत या उससे अधिक सीटें सीटें प्राप्त करने की कोशिश कर सकती है

©Manojkumar Srivastava

अगर मोदी जी अपनी साख और प्रतिष्ठा बचाना चाहते हैं,भाजपा को जिन्दा रखना है तो उन्हें अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाने से बचना चाहिए और भाजपा का नेतृत्व किसी और नेता यथा नितिन गडकरी,राजनाथ सिंह या किसी और वरिष्ठ नेता को सौंपकर एक मिसाल पैदा करना चाहिए! अन्य दलों खासकर जदयू,तेलगू देने के समर्थन से सरकार चलाना टेढ़ी खीर साबित होगीऔर मोलजोल,सौदेबाजी के कारण सरकार अस्थिरता हमेशा आशंका से त्रस्त होगी! भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाते यही श्रेयस्कर होगा! इससे फायदा यह होगा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बहुत जोड़- तोड़ और मशक्कत करने की जरूरत होगी और इसमें शामिल नेताओं की पद- लिप्सा और महत्त्वाकंक्षा के कारण सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल पायेगी इसके परिणामस्वरूप छ: महीने के अन्दर मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं! ऐसी स्थिति में विपक्षी गठबंधन की सरकार की असफलता को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव में बहुमत या उससे अधिक सीटें सीटें प्राप्त करने की कोशिश कर सकती है ©Manojkumar Srivastava

#लोकसभा_चुनाव_2024 #मोदीजी

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