कैसे तेरे बगैर, घर बसालूं मैं ?
ख़ुद का जग ख़ुद हीं हसा लूं मैं
तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं?
तुझे याद करू फिर मुस्कुरा लूं मैं
या ख़ुद के हाथों जहर खा लूं मैं
तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं?
©R.rajdoot
कैसे तेरे बगैर, घर बसालूं मैं ?
ख़ुद का जग ख़ुद हीं हसा लूं मैं
तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं?
तुझे याद करू फिर मुस्कुरा लूं मैं
या ख़ुद के हाथों जहर खा लूं मैं
तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं?
_ R.rajdoot ✍️