"मेरे मुकद्दर में जुदाई क्यों लिखी थी
जिसको इतना हंसाया उसकी बेवफाई क्यों लिखी थी
बहुत प्यार जताया करती थी
हर पल सताया करती थी
रूठ जाएं तो मनाया करती थी
फिर उसकी मोहब्बत किसी और के नसीब में कैसे
लिखी थी l"
मेरे मुकद्दर में जुदाई क्यों लिखी थी
जिसको इतना हंसाया उसकी बेवफाई क्यों लिखी थी
बहुत प्यार जताया करती थी
हर पल सताया करती थी
रूठ जाएं तो मनाया करती थी
फिर उसकी मोहब्बत किसी और के नसीब में कैसे
लिखी थी l