White पल्लव की डायरी
हिस्सो में जमीन, पशुधन कत्लखाने में है
उपज ना के बराबर, अन्नदाता कर्जे में है
मनमानी सरकारों की
कृषी और ऋषि दोनों खतरों में है
मेहनत और तपस्या सब भंग कर
अनैतिकता के दायरे में जन कैद है
बढ़ रही हिंसा की प्रव्रत्ति
मानव के जीवन वेक्सीन के डोज से
काल कवलित है
वैश्वीकरण के इस दौर में
धन पाने की होड़ में,तंग हो रहे सब चराचर है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#lonely_quotes अनैतिकता के दायरे में सब कैद है
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