मैं हमेशा लिखती रहूंगी प्रिय...
कभी तुम्हारी यादों में,कभी तुम्हारी बातों पे
कभी शरारत भरी अदा,कभी होंठो की मुस्कान पे
मैं हमेशा सुनाती रहूंगी प्रिय...
कभी तुम्हारे इश्क की धुन,कभी तुम्हारे प्रेम के गीत
कभी तुमसे जुड़े तारों में,गूंजता हुआ जीवन संगीत
मैं हमेशा बोलती रहूंगी प्रिय...
तुमसे अपने मन की बात,यादों में तेरी कैसे गुजरी रात
चाशनी में घुला हुआ सा,कैसा लगता तेरा साथ
मैं हेमशा सोचती रहूंगी प्रिय...
तुमसे अपने मिलन के पल,विरह में मन क्यूं हैं बेकल
साथ तुम्हारा सदियों का,फिर ढूंढे क्यूं तुमको नैना चंचल।।
©Rimpi chaube
#हमेशा_प्रिय ❤️🥰
मैं हमेशा लिखती रहूंगी प्रिय...
कभी तुम्हारी यादों में,कभी तुम्हारी बातों पे
कभी शरारत भरी अदा,कभी होंठो की मुस्कान पे
मैं हमेशा सुनाती रहूंगी प्रिय...
कभी तुम्हारे इश्क की धुन,कभी तुम्हारे प्रेम के गीत
कभी तुमसे जुड़े तारों में,गूंजता हुआ जीवन संगीत
मैं हमेशा बोलती रहूंगी प्रिय...