हम वाक़िफ़ हैं तेरे हुस्न की लज़्ज़त से -फैज़- की | हिंदी Shayari

"हम वाक़िफ़ हैं तेरे हुस्न की लज़्ज़त से -फैज़- की हैरत नही मुझे तेरे दीवानों के हाल पे...!!! ©Nawab Faiz Ahmad"

 हम वाक़िफ़ हैं तेरे हुस्न की लज़्ज़त से -फैज़-
की हैरत नही मुझे तेरे दीवानों के हाल पे...!!!

©Nawab Faiz Ahmad

हम वाक़िफ़ हैं तेरे हुस्न की लज़्ज़त से -फैज़- की हैरत नही मुझे तेरे दीवानों के हाल पे...!!! ©Nawab Faiz Ahmad

#lucknow #Poetry #Broken

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