पंचायत लुटेरों को जीता कर परधानी में ला दिए सूखी | हिंदी कविता

"पंचायत लुटेरों को जीता कर परधानी में ला दिए सूखी ऊँची सड़क को फिर पानी में ला दिए एक पउआ के लिए बेच आए जो ईमान अपना अब कहतें हैं की परधान को नादानी में ला दिए अनपढ़ तो कहते हैं हम तो पहले से सज्ज थे जो बच गए कहते हैं खिचा- तानी में ला दिए शायद अब बस्ती भी खंडहर में बदल जाएगी ज़हर को अपने हाथों ही गुड़- धानी में ला दिए कुछ छुपकर कर दिए खिलाफत अपने नेता की वोट ना देकर ख़ुद को उनकी निगरानी में ला दिए ©Sonu Yadav ( यदुवीर )"

 पंचायत 
लुटेरों को जीता कर परधानी में ला दिए
सूखी ऊँची सड़क को फिर पानी में ला दिए
एक पउआ के लिए  बेच आए जो ईमान अपना
अब कहतें हैं की परधान को नादानी में ला दिए
अनपढ़ तो कहते हैं हम तो पहले से सज्ज थे
जो बच गए कहते हैं खिचा- तानी में ला दिए
शायद अब बस्ती भी खंडहर में बदल जाएगी
ज़हर को अपने हाथों ही गुड़- धानी में ला दिए
कुछ छुपकर कर दिए खिलाफत अपने नेता की
वोट ना देकर ख़ुद को उनकी निगरानी में ला दिए

©Sonu Yadav ( यदुवीर )

पंचायत लुटेरों को जीता कर परधानी में ला दिए सूखी ऊँची सड़क को फिर पानी में ला दिए एक पउआ के लिए बेच आए जो ईमान अपना अब कहतें हैं की परधान को नादानी में ला दिए अनपढ़ तो कहते हैं हम तो पहले से सज्ज थे जो बच गए कहते हैं खिचा- तानी में ला दिए शायद अब बस्ती भी खंडहर में बदल जाएगी ज़हर को अपने हाथों ही गुड़- धानी में ला दिए कुछ छुपकर कर दिए खिलाफत अपने नेता की वोट ना देकर ख़ुद को उनकी निगरानी में ला दिए ©Sonu Yadav ( यदुवीर )

#Panchayat #election

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