White पकड़ कर उंगली मुझे,
चलाना सिखा दिया।
लड़खड़ाये कदम मेरे बहुत,
पर मुझे सम्हलना सिखा दिया।
जिंदगी क्या है मुझे समझ ही नहीं आया,
मुझे जिंदगी जीना सिखा दिया।
थोड़ी-थोड़ी बातों पर गुस्सा हो जाता था मैं,
पर मुझे गुस्से से निकलना सिखा दिया।
संघर्ष के मूरत हैं मेरे पापा,
मुझे भी संघर्ष करना सिखाया।
क्या दूःख क्या सुख,
मेरे लिए सब कुछ अपना भूला दिया।
मेरी पहचान मेरे पापा से है,
उन्होंने मेरा पहचान बना दिया।
मेरी दुनिया जहां सब कुछ मेरे पापा हैं,
मुझे जिंदगी देकर हसना सिखा दिया।
पापा को आपने से दुुर करते हो तुम्हें क्या पता,
पापा ने ही तुम्हें इस काबिल बना दिया।
पापा से इतना प्यार करो ओ खुश रहें,
क्योंकि पापा ने ही सोया अरमान जगा दिया।
रंजीत मर कर भी नहीं भूल पायेगा पापाके बलिदान,
जिन्होनें घर को सजाने में खुुन पसीना लगा दिया
©Ranjit babu up64
#Free पकड़कर उंगली मुझे चलना सिखा दिया