White -समीर तिवारी की कलम से-
हनुमान दया के सागर है,दु:ख भक्तन के सब टारत है
रावन, कुंभकरन,के मद को,पल मे कपिराज उतारत है
सुग्रीव विभीषण लक्षमन के, संकट सब नाथ निवारत है
देवन के सब काज करै ,अरु मुख से बस राम उचारत है
महावीर समीर के साथ रहै, विपदा के वन सब जारत है
पितृ शक्ति धाम
संकट मोचन हनुमान मन्दिर -ज्योतिष पीठ
मो.न.9616507880
©समीर तिवारी
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