ये सुनसान राहें चुपके-चुपके बात करती
गुजरने वाले राहगीरों पर नज़र ये रखती
इनके खौफ का सब के दिल में ठिकाना है
ये खुद डरी हुईं हैं, तभी इन्हें दूसरों को डराना है
बस भय सब कुछ अपना खो देने का यहां है
पर तुम ये भूल गये, यहां पर अपना क्या है ?
©Shashank Singh Kushwaha
रास्ते...
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