क्या करूं यारों ज़िंदगी में गम बहुत है हालात कुछ इ | English Shayari V
"क्या करूं यारों ज़िंदगी में गम बहुत है
हालात कुछ इस कदर हैं कि जीने की इच्छा कम बहुत है
मेरे दर्द पर हसने वाले झूठे हमदर्द बहुत है
एक दिन ऐसा आएगा जब लोग कहेंगे कि बंदी में दम बहुत है
फ़िलहाल, मेरा साथ निभाने वाली मेरी कलम बहुत है The Untold Tale"
क्या करूं यारों ज़िंदगी में गम बहुत है
हालात कुछ इस कदर हैं कि जीने की इच्छा कम बहुत है
मेरे दर्द पर हसने वाले झूठे हमदर्द बहुत है
एक दिन ऐसा आएगा जब लोग कहेंगे कि बंदी में दम बहुत है
फ़िलहाल, मेरा साथ निभाने वाली मेरी कलम बहुत है The Untold Tale