इन आँखों की गुस्ताखियों को हो जाने दे, ये बेपनाह ब | हिंदी Shayari
"इन आँखों की गुस्ताखियों को हो जाने दे,
ये बेपनाह बाहों में अब मुझे खो जाने दे,
तलब तो इस कदर हैं मुझे तेरे इश्क़ की,
की अब इस बेवफ़ा नाम को भी नामदार होने दे...
~beparwah~"
इन आँखों की गुस्ताखियों को हो जाने दे,
ये बेपनाह बाहों में अब मुझे खो जाने दे,
तलब तो इस कदर हैं मुझे तेरे इश्क़ की,
की अब इस बेवफ़ा नाम को भी नामदार होने दे...
~beparwah~