मैंने झुमका पहना,
तेरी शरारतों का
तेरी आँखों का
काजल भी पहना
तेरे तिल को बनाई
अपनी बिंदी
तेरी शर्म का
लिहाफ़ ओढ़ा
कंगन पहना तेरी
आवाज़ सी खनकता
सनम, एक रोज़ मैंने
तुझ सा श्रृंगार किया
©Swechha S
एक रोज़ मैंने तुझ सा श्रृंगार किया...💌
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