Happy Childrens Day घंटी गले बजे है घन-घन, वन से आ | हिंदी कविता Video

"Happy Childrens Day घंटी गले बजे है घन-घन, वन से आते पशुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे छोटे शिशुओं की।। बिन किलकारी सूना लगता, है अपना ही घर द्वारा। बालक जब खिल-खिल हैं करते, होता प्रसन्न जग सारा।। देख दृश्य यह हैं लहराती, कई कतारें तरुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे - छोटे शिशुओं की।। माँ पुचकारे पिता निहारे, बला उतारें नभ तारे। भोली किलकारी सुन-सुन कर, दौड़ उन्हें बहिन दुलारे।। नन्हें-नन्हें पग से जब दौड़ें,छनके ध्वनि घुंघरुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे-छोटे शिशुओं की।। जादू सा किलकारी फेरे, गद-गद मन तब बन जाता। पुलकित हो तब मात पिता का, जीवन मधुवन बन जाता।। भाव विचारों में बिछ जाती,जैसे चमक जुगनुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे-छोटे शिशुओं की।। ©Godambari Negi "

Happy Childrens Day घंटी गले बजे है घन-घन, वन से आते पशुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे छोटे शिशुओं की।। बिन किलकारी सूना लगता, है अपना ही घर द्वारा। बालक जब खिल-खिल हैं करते, होता प्रसन्न जग सारा।। देख दृश्य यह हैं लहराती, कई कतारें तरुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे - छोटे शिशुओं की।। माँ पुचकारे पिता निहारे, बला उतारें नभ तारे। भोली किलकारी सुन-सुन कर, दौड़ उन्हें बहिन दुलारे।। नन्हें-नन्हें पग से जब दौड़ें,छनके ध्वनि घुंघरुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे-छोटे शिशुओं की।। जादू सा किलकारी फेरे, गद-गद मन तब बन जाता। पुलकित हो तब मात पिता का, जीवन मधुवन बन जाता।। भाव विचारों में बिछ जाती,जैसे चमक जुगनुओं की। किलकारी से गूँजे है घर, छोटे-छोटे शिशुओं की।। ©Godambari Negi

#किलकारी

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