पड़ी जो उसपे नज़र
तो हटाना मुश्किल था,
पूछा जो उसने
कि क्या हुआ?
तो बहाना बनाना मुश्किल था,
एक ही नज़र में मैं उसमें खो गयी,
नशा ही कुछ ऐसा था उसका
बाहर आना मुश्किल था,
याद वो इस कदर आता था मुझे,
कि उसे भूल जाना मुश्किल था,
वो दिखता था मुझे हर जगह,
पर उसको ये बताना मुश्किल था,
ख्यालों में तो न जाने कितनी बार
छुआ था मैंने उसे,
पर हक़ीक़त मे तो उसके पास जाना भी मुश्किल था।।
©Kiran Chaudhary
मुश्किल था।।