मेरी दस्तरस पर बेड़ियाँ डालकर, याद किया जाता है मुझ | हिंदी शायरी

"मेरी दस्तरस पर बेड़ियाँ डालकर, याद किया जाता है मुझे सिक्के उछालकर, खारिज हो गया मेरा पहला और आखरी मुक़दमा, जवाब में एक आँसू रख दिया उसने निकालकर। ©viJAY"

 मेरी दस्तरस पर बेड़ियाँ डालकर,
याद किया जाता है मुझे सिक्के उछालकर,
खारिज हो गया मेरा पहला और आखरी मुक़दमा,
जवाब में एक आँसू रख दिया उसने निकालकर।

©viJAY

मेरी दस्तरस पर बेड़ियाँ डालकर, याद किया जाता है मुझे सिक्के उछालकर, खारिज हो गया मेरा पहला और आखरी मुक़दमा, जवाब में एक आँसू रख दिया उसने निकालकर। ©viJAY

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