है बीत चली चंचल सभी श्रृतुए, बस कुछ चंद पलों का फे | हिंदी कविता Video

"है बीत चली चंचल सभी श्रृतुए, बस कुछ चंद पलों का फेरा है। माना घनी स्याह ने बड़ा थकाया, त्रृप्त करने को निकट सवेरा है । है तेज चल रही शर्द हवाएं, फ़कत चलन श्वास का ठहर रहा है। एक और दिसंबर गुज़र रहा है,... मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसल रहा है । (३) ©Ritika Vijay Shrivastava "

है बीत चली चंचल सभी श्रृतुए, बस कुछ चंद पलों का फेरा है। माना घनी स्याह ने बड़ा थकाया, त्रृप्त करने को निकट सवेरा है । है तेज चल रही शर्द हवाएं, फ़कत चलन श्वास का ठहर रहा है। एक और दिसंबर गुज़र रहा है,... मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसल रहा है । (३) ©Ritika Vijay Shrivastava

#PhisaltaSamay

People who shared love close

More like this

Trending Topic