जब होता है; मौका, समय या व्यक्ति; तब नहीं फक्र करत

"जब होता है; मौका, समय या व्यक्ति; तब नहीं फक्र करते हैं। खो देते हैं इन्हें, तब ही क्यों कद्र करते हैं। है फितरत आदमी कि ये, या आदमी होने का गुण ये?"

 जब होता है; मौका, समय या व्यक्ति;
तब नहीं फक्र करते हैं।
खो देते हैं इन्हें,
तब ही क्यों कद्र करते हैं।
है फितरत आदमी कि ये,
या आदमी होने का गुण ये?

जब होता है; मौका, समय या व्यक्ति; तब नहीं फक्र करते हैं। खो देते हैं इन्हें, तब ही क्यों कद्र करते हैं। है फितरत आदमी कि ये, या आदमी होने का गुण ये?

#सांझ_शैलेश #फितरत #आदमी #yqhindi #yqdidi

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