आवस्यकता से अधिक इन्सान को
घमन्डी बना देता है कुछ लोगो को..
वो अपने से बढ़े बुजुर्गो का आदर सम्मान भूल जाते है,
वो घमन्द मे ये भूल जाते है सब यही छूट जाना है,..!
आवस्यकता से अधिक दान पुन्य
इन्सान को परमात्मा बना देता है,
वो भूल जाते है उनका भी परिवार,रिस्तेदार,खानदान है,..!
आवस्यकता से अधिक भीख इन्सान को
आलसी,कमजोर बना देती है, वो भूल जाता है
मेहनत करके कमाने का अपना मजा है,..!
इसलिये अपनी मेहनत से कमाये का कुछ पैसा
अनाथो,बेसहारो के उपकार मे लगाये..!
बहुत आनन्द आयेगा..!!
©SHI.V.A 369
#आवश्यकता से अधिक