तन्हाइयों से वास्ता अब और नहीं रखना अंधेरों से राब | हिंदी शायरी

"तन्हाइयों से वास्ता अब और नहीं रखना अंधेरों से राबता अब और नहीं रखना ना तुम पुकारना मुझे न मैं तुम्हें पुकारूंगा ये जिस्मानी ताल्लुक़ात अब और नहीं रखना सब्र रखना भी गुनाह है और ना रखना भी गुनाह हां सब्र रखना है मुझे मगर अब और नहीं रखना बड़े भारी थे वो आंसू जो मेरे कांधे पे रोए थे कभी अपने कांधो पे ये बोझ अब और नहीं रखना बिक गए सभी राज़ मेरे एक एक करके बाज़ार में अपने राज़ किसी और दिल में अब और नहीं रखना ©Civil servant Rajat"

 तन्हाइयों से वास्ता अब और नहीं रखना
अंधेरों से राबता अब और नहीं रखना
ना तुम पुकारना मुझे न मैं तुम्हें पुकारूंगा
ये जिस्मानी ताल्लुक़ात अब और नहीं रखना
सब्र रखना भी गुनाह है और ना रखना भी गुनाह
हां सब्र रखना है मुझे मगर अब और नहीं रखना
बड़े भारी थे वो आंसू जो मेरे कांधे पे रोए थे कभी
अपने कांधो पे ये बोझ अब और नहीं रखना
बिक गए सभी राज़ मेरे एक एक करके बाज़ार में
अपने राज़ किसी और दिल में अब और नहीं रखना

©Civil servant Rajat

तन्हाइयों से वास्ता अब और नहीं रखना अंधेरों से राबता अब और नहीं रखना ना तुम पुकारना मुझे न मैं तुम्हें पुकारूंगा ये जिस्मानी ताल्लुक़ात अब और नहीं रखना सब्र रखना भी गुनाह है और ना रखना भी गुनाह हां सब्र रखना है मुझे मगर अब और नहीं रखना बड़े भारी थे वो आंसू जो मेरे कांधे पे रोए थे कभी अपने कांधो पे ये बोझ अब और नहीं रखना बिक गए सभी राज़ मेरे एक एक करके बाज़ार में अपने राज़ किसी और दिल में अब और नहीं रखना ©Civil servant Rajat

#HeartBreak

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