मोहब्बत है जिंदगी तुझसे हरदम,
पर तूने तो सारे मोहब्बत ही छीन लिए।
क्या कहूँ तेरे लफ़्ज़ का,
तूने तो सारे लफ्ज़ ही गीन लिए।
खैरियत हूँ अक्सर कहती हूँ,
पर खैरियत है कहाँ जीने के लिए।
अब तू ही बता जिंदगी,
क्या करूं मै खुद से मिलने के लिए।
©Sujata Kumari
#GateLight