दोस्तों संग यह ज़िन्दगी कितनी सुहानी लगती हैं
अकेले और तन्हा चाँदनी रात भी कहाँ गुज़रती हैं
लिखता हूँ एक टूटे हुए दिल की आवाज़ आपके सामने
और
सारी दुनिया मुझे एक " शायर " समझती हैं
थक जाता हूँ हर दिन दुनिया की जस्तो-जायज़ में
अपने घर की रोटी कमाने के लिए
मेरी माँ के आँचल में मेरी यह ज़िन्दगी सँवारती हैं
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©Sethi Ji
♥️🌟 आज की दुनिया 🌟♥️
♥️🌟 आज की पुनिया 🌟♥️
आज की दुनिया में हर कोई परेशान हैं
इंसानों की बस्ती में भी कहाँ मिलता इंसान हैं ।।
हमने भी खाए कई बार धोखे मोहब्बत के मैदान में