पाल रहा है अंकुर को, और बदल रहा है फसलों में, बे | हिंदी Poetry Video

"पाल रहा है अंकुर को, और बदल रहा है फसलों में, बेटा रक्षा करे देश की, गोली बारूद और असलो से। दोनो ही इस देश का गौरव, फिर भी ग़वा रहे है जान, कर्ज़ के भोज मे दबा किसान, फ़र्ज़ मे लिपटा शहीद जवान । राष्ट्र को इनका परम बलिदान, जिसका सदा रहे संज्ञान, शास्त्री जी का एक ही नारा, जय जवान और जय किसान। ©Vivek Mishra "

पाल रहा है अंकुर को, और बदल रहा है फसलों में, बेटा रक्षा करे देश की, गोली बारूद और असलो से। दोनो ही इस देश का गौरव, फिर भी ग़वा रहे है जान, कर्ज़ के भोज मे दबा किसान, फ़र्ज़ मे लिपटा शहीद जवान । राष्ट्र को इनका परम बलिदान, जिसका सदा रहे संज्ञान, शास्त्री जी का एक ही नारा, जय जवान और जय किसान। ©Vivek Mishra

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