गीत.......✍️
122 122 122 12
तेरी याद बाबुल सुहाके गई
हुई आंख नम तो बता के गई
हुई जब तु रुखसत रुलाके गई
बहाना तु कैसा बनाके गई
तेरी याद बाबुल सुहाके गई
ज़माना हुआ है तुझे देखलूं
कहां हो कहां हो तुझे ढ़ूढ़लूं
दुआ साथ जानां रहेगी सदा
यही कहके पैहम सताके गई
लेखक - ज़ुबैर खान........✍️
©SZUBAIR KHAN KHAN
Rukhsat