White कौन नहीं है मजदूर यहां पर"
खुशी खुशी लगा के हाजरी दरबार
में उसके,शान से सब टेकते हैं मत्था।
कोई अकेला ही कतारों में खड़ा
दिखता है, किसी के साथ है पूरा जत्था।
वो एक ही मालिक है जहांन का
सारे, किए हुए हैं सबको काम के बंटवारे।
कोई मंत्री है यहां पर तो सिपाह सलार
है कोई, दरोगा ओ चौकीदार काम सबके न्यारे।
बना के फूल की मलाई भेजता है कोई ,
चढ़ा के फूल उसके चरणों में कोई आरती उतारे।
नजर का धोखा है संसार यहां पर,
ऐसा कौन है उसका, जो मजदूर नहीं है यहां पर।
©Anuj Ray
# कौन नहीं है मजदूर यहां पर"