White अकेला हूँ मैं, अकेला ही चला,
राहों में तन्हाई की मिली खुशबू।
छाया है अब जहाँ, साथ नहीं कोई,
पर खुद से मिलता है साथ रब का वही।
सितारों की चमक में, रातें गुजारूं,
चाँदनी के साए में, ख्वाबों को बुनूं।
अकेला नहीं हूँ मैं, मेरा साथ है अपना,
इस तन्हाई की गहराइयों में, मिलता है सच्चा अपना।
©Shayra
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