स्त्रियों से हमेशा कहा गया
दुनिया की नजरें बुरी है
इसलिए छिपा लो खुद को
कभी घूंघट में
तो कभी बुर्के में
कैद हो जाओ घरों में
क्योकि
पुरुष की नजरें बुरी है
पर कभी ये क्यों ना कहा
कि चलो उन नजरो को झुकाते है
जो बुरी है
उन पुरुषों को कैद करते है
जो तुमपे बुरी नजर डाले
दुनिया पर लगा एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है
खोट तो तुम्हारी नजर में थी
कैद की सजा मुझे क्यों मिलीं?
©Pratibha Singh Rathore
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