आंखों को फ़कत आंख ही रहने दे खुदा, इसे झील न बना। | हिंदी Shayari

"आंखों को फ़कत आंख ही रहने दे खुदा, इसे झील न बना। कई आशिक रोज़ मरते हैं इन झीलों में डूबकर।"

 आंखों को फ़कत आंख ही रहने दे खुदा, 
इसे झील न बना। 
कई आशिक रोज़ मरते हैं इन झीलों में डूबकर।

आंखों को फ़कत आंख ही रहने दे खुदा, इसे झील न बना। कई आशिक रोज़ मरते हैं इन झीलों में डूबकर।

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