रास्ते अलग अलग हो सकते है पर
मंञिल सब कि एक है सफलता
कोइ कुछ दूरी पर रुकता है
कोइ कुछ देर और चलता है
पर पाना सबको मंञिल हि है
किसी को दान धरम करके,
किसी को पाप कि कमाई खाके
कोई youtube के जरिये,
तो कोई नौकरी करके..
धीमे धीमे चलकर पानी सबको मंञिल ही है
पर मुझे तो शान्त,बखुबी ईमानदारी और परिक्षम
की जिन्दगी पसन्द है,
मेरे पिताजी को भी पसन्द थी ,
अपनी भी जिन्दगी है,उड़ान है हौसलो कि..!!
©SHI.V.A 369
#अपनी भी जिन्दगी है