White सुख का दिन डूबे डूब जाए।  तुमसे न सहज मन ऊब | हिंदी शायरी V

"White सुख का दिन डूबे डूब जाए।  तुमसे न सहज मन ऊब जाए।  खुल जाए न मिली गाँठ मन की,  लुट जाए न उठी राशि धन की,  धुल जाए न आन शुभानन की,  सारा जग रूठे रूठ जाए।  उलटी गति सीधी हो न भले,  प्रति जन की दाल गले न गले,  टाले न बान यह कभी टले,  यह जान जाए तो ख़ूब जाए। ©AYUSH Kumar "

White सुख का दिन डूबे डूब जाए।  तुमसे न सहज मन ऊब जाए।  खुल जाए न मिली गाँठ मन की,  लुट जाए न उठी राशि धन की,  धुल जाए न आन शुभानन की,  सारा जग रूठे रूठ जाए।  उलटी गति सीधी हो न भले,  प्रति जन की दाल गले न गले,  टाले न बान यह कभी टले,  यह जान जाए तो ख़ूब जाए। ©AYUSH Kumar

सुख का दिन डूबे डूब जाए।
तुमसे न सहज मन ऊब जाए।

खुल जाए न मिली गाँठ मन की,
लुट जाए न उठी राशि धन की,
धुल जाए न आन शुभानन की,
सारा जग रूठे रूठ जाए।

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