तेरे रोम रोम में बसी, मैं तुझ में ही समी, कहीं परे | हिंदी कविता Video

"तेरे रोम रोम में बसी, मैं तुझ में ही समी, कहीं परे नहीं, ना कहीं मैं गई. प्रत्यक्ष नहीं बस परोक्ष हूं, अब तेरे अस्तित्व में ही विलीन हूं तेरी हंसी में संग हंस रही, तेरे गम में नम हो रही अब गोद में सर रख नहीं, तेरे सर को आंचल से ढक रही बस स्पर्श नहीं एहसास हूं, तेरे स्वभाव में ही कहीं विलीन हूं बदलते तेरे वक्त में, मैं तेरी ढाल हूं, डिगमिगाते तेरे कदमों पर, मैं तेरी चाल हूं सोच उन्मुक्त हुए तेरी, मैं तेरी उड़ान हूं अब प्रत्यक्ष नहीं परोक्ष हूं, ©shaivee g "

तेरे रोम रोम में बसी, मैं तुझ में ही समी, कहीं परे नहीं, ना कहीं मैं गई. प्रत्यक्ष नहीं बस परोक्ष हूं, अब तेरे अस्तित्व में ही विलीन हूं तेरी हंसी में संग हंस रही, तेरे गम में नम हो रही अब गोद में सर रख नहीं, तेरे सर को आंचल से ढक रही बस स्पर्श नहीं एहसास हूं, तेरे स्वभाव में ही कहीं विलीन हूं बदलते तेरे वक्त में, मैं तेरी ढाल हूं, डिगमिगाते तेरे कदमों पर, मैं तेरी चाल हूं सोच उन्मुक्त हुए तेरी, मैं तेरी उड़ान हूं अब प्रत्यक्ष नहीं परोक्ष हूं, ©shaivee g

#maa #Ek #ehsaas

People who shared love close

More like this

Trending Topic