काँप रहीं खेतों में गेहूँ की बालियाँ मेंड़ पर बैठ | हिंदी Poetry Video

"काँप रहीं खेतों में गेहूँ की बालियाँ मेंड़ पर बैठा हैं भूमिजन चिलम पीता खाँसता, सोचती हैं बालियाँ यहाँ से हमें तोड़-तोड़ बच्चे ले जाएँगे, जलाएँगे होली में। ©Raj Kishor Roy "

काँप रहीं खेतों में गेहूँ की बालियाँ मेंड़ पर बैठा हैं भूमिजन चिलम पीता खाँसता, सोचती हैं बालियाँ यहाँ से हमें तोड़-तोड़ बच्चे ले जाएँगे, जलाएँगे होली में। ©Raj Kishor Roy

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