चलो कहीं दूर चलकर वहीं आशियाना बनाते है, उस आशिया | हिंदी शायरी

"चलो कहीं दूर चलकर वहीं आशियाना बनाते है, उस आशियानों में ही अपने सपने को सजाते है। 2 गज की जमीन होंगी ना किसी से बैर होगा, आराम से रहेंगे वहीं ना किसी के वफा का डर होगा, सबको यही आना ही है यही आशियाना बसाना ही है, चलो थोड़े पहले चलके अपना आशियाना बनाते है, उस आशियानों में ही अपने सपने को सजाते है। @K Gupta"

 चलो कहीं दूर चलकर
 वहीं आशियाना बनाते है,
उस आशियानों में ही
अपने सपने को सजाते है।
2 गज की जमीन होंगी
ना किसी से बैर होगा,
आराम से रहेंगे वहीं
ना किसी के वफा का डर होगा,
सबको यही आना ही है
यही आशियाना बसाना ही है,
चलो थोड़े पहले चलके
अपना आशियाना बनाते है,
उस आशियानों में ही
 अपने सपने को सजाते है।
@K Gupta

चलो कहीं दूर चलकर वहीं आशियाना बनाते है, उस आशियानों में ही अपने सपने को सजाते है। 2 गज की जमीन होंगी ना किसी से बैर होगा, आराम से रहेंगे वहीं ना किसी के वफा का डर होगा, सबको यही आना ही है यही आशियाना बसाना ही है, चलो थोड़े पहले चलके अपना आशियाना बनाते है, उस आशियानों में ही अपने सपने को सजाते है। @K Gupta

#peace

People who shared love close

More like this

Trending Topic