"White अच्छी खासी नौकरी थी छोड़ कर
"चल पड़ा"
यानी उदासी छोड़ कर
वक़्त पर पुल पे न पहुँचा तो
नदी रूठ कर बैठी रवानी छोड़ कर
रोक लेता है तेरा ये पूछना
क्या करोगे यार गाँव की रवानी छोड़ कर?
जानता हूँ क्यों मिली हो तुम गले
जा रही हो तुम हथेली छोड़ कर
सोच लो तुम्हारी वफ़ा क्या होगी जो
साथ छोड़ चल दिया प्यार अधूरी छोड़ कर
फिर से साथ में चल बैठते हैं अब
दुश्मनी ये खानदानी छोड़ कर
खण्डहर में एक साया चीखता
"घर कभी नहीं जाते खाली छोड़ कर"
ख़्वाब में था ख़ून और थी पटरियाँ
भाग आया रेलगाड़ी छोड़ कर॥
©Saurav Kumar"