अब याद नहीं मेरा ठिकाना मुझको दुनिया मान बैठी है द | हिंदी शायरी

"अब याद नहीं मेरा ठिकाना मुझको दुनिया मान बैठी है दीवाना मुझको आंखों में शायद तेरी तस्वीर रहती है बड़े गौर से देखता है ज़माना मुझको ©Arun Kumar Vishwas"

 अब याद नहीं मेरा ठिकाना मुझको
दुनिया मान बैठी है दीवाना मुझको

आंखों में शायद तेरी तस्वीर रहती है
बड़े गौर से देखता है ज़माना मुझको

©Arun Kumar Vishwas

अब याद नहीं मेरा ठिकाना मुझको दुनिया मान बैठी है दीवाना मुझको आंखों में शायद तेरी तस्वीर रहती है बड़े गौर से देखता है ज़माना मुझको ©Arun Kumar Vishwas

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