दिल की नाराजगीयों को दफन कहां करू! तुमसे शुरू हुई | हिंदी Shayari Vid

" दिल की नाराजगीयों को दफन कहां करू! तुमसे शुरू हुई दीवानगी को खत्म कहां करूं! तुम्हारी कही हर बात मान ली, कहो इन नादानियों को खत्म कहाँ करूं! बस पन्नों में रह जाना है नाम मेरा! लफ़्ज़ों की कारीगरी को खत्म कहाँ करूँ! लाया था चाहत में कंधों पर सितारे! मेहताब की तन्हाई को ख़त्म कहाँ करूं! एक उम्र है जो गुज़र गयी है, एक जो आएगी उसे खत्म कहाँ करूं! इंसा को तो खा गया उसका अहम! तू बता जीने के लिए मैं खुद को ख़त्म कहाँ करुं! ©dev "

दिल की नाराजगीयों को दफन कहां करू! तुमसे शुरू हुई दीवानगी को खत्म कहां करूं! तुम्हारी कही हर बात मान ली, कहो इन नादानियों को खत्म कहाँ करूं! बस पन्नों में रह जाना है नाम मेरा! लफ़्ज़ों की कारीगरी को खत्म कहाँ करूँ! लाया था चाहत में कंधों पर सितारे! मेहताब की तन्हाई को ख़त्म कहाँ करूं! एक उम्र है जो गुज़र गयी है, एक जो आएगी उसे खत्म कहाँ करूं! इंसा को तो खा गया उसका अहम! तू बता जीने के लिए मैं खुद को ख़त्म कहाँ करुं! ©dev

#GoldenHour #दीवानगी #शायरी #दिल #दर्द #याद

People who shared love close

More like this

Trending Topic