बादल कुछ इस कदर छाए है की साथ निभाने को ये चांद भी | हिंदी विचार

"बादल कुछ इस कदर छाए है की साथ निभाने को ये चांद भी नही बस खुद से ही बातें और मुलाकाते है कुछ इस तरह अभी ये समां बांध रखा है यहीं ©shivangi pradhan"

 बादल कुछ इस कदर छाए है
की साथ निभाने को ये चांद भी नही
बस खुद से ही बातें और मुलाकाते है
कुछ इस तरह अभी ये समां बांध रखा है यहीं

©shivangi pradhan

बादल कुछ इस कदर छाए है की साथ निभाने को ये चांद भी नही बस खुद से ही बातें और मुलाकाते है कुछ इस तरह अभी ये समां बांध रखा है यहीं ©shivangi pradhan

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