राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐस

"राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आज़ाद हैं शत् शत् नमन 🙏🌹🙏 ©ummed Singh Karauli"

 राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है
मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आज़ाद हैं


शत् शत् नमन
 🙏🌹🙏

©ummed Singh Karauli

राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आज़ाद हैं शत् शत् नमन 🙏🌹🙏 ©ummed Singh Karauli

मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है

#Shaheedi_diwas

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