हवा गुज़र गई, पत्ते हिले भी नहीं, वो मेरे गाँव आये, | हिंदी Shayari

"हवा गुज़र गई, पत्ते हिले भी नहीं, वो मेरे गाँव आये, और मिले भी नहीं..! . ©KumaR Kishan"

 हवा गुज़र गई, पत्ते हिले भी नहीं,
वो मेरे गाँव आये, और मिले भी नहीं..!
           









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©KumaR Kishan

हवा गुज़र गई, पत्ते हिले भी नहीं, वो मेरे गाँव आये, और मिले भी नहीं..! . ©KumaR Kishan

#अनकहा

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