शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है द | हिंदी शायरी Video

"शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है दफ़्न कर दो हमें कि साँस आए नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है कौन पथरा गया है आँखों में बर्फ़ पलकों पे क्यूँ जमी सी है वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर आदत इस की भी आदमी सी है आइए रास्ते अलग कर लें ये ज़रूरत भी बाहमी सी है ©anubhav tiwari "

शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है दफ़्न कर दो हमें कि साँस आए नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है कौन पथरा गया है आँखों में बर्फ़ पलकों पे क्यूँ जमी सी है वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर आदत इस की भी आदमी सी है आइए रास्ते अलग कर लें ये ज़रूरत भी बाहमी सी है ©anubhav tiwari

#Preying #mohabat #Galib #Gulzar

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