नदी बह रही है अविरल ध्वनि करती है कल कल वृक्ष खड़े | हिंदी कविता

"नदी बह रही है अविरल ध्वनि करती है कल कल वृक्ष खड़े हैं प्रहरी बनकर रक्षा करते हैं पल पल तट पर खड़े कतारों में बोल रहे हैं हम सबसे बेखुद तुम खिलवाड़ नहीं कर सकते करके हलचल ©Sunil Kumar Maurya Bekhud"

 नदी बह रही है अविरल
ध्वनि करती है कल कल
वृक्ष खड़े हैं प्रहरी बनकर
रक्षा करते हैं पल पल 

तट पर खड़े कतारों में
 बोल रहे हैं हम सबसे
बेखुद तुम खिलवाड़ नहीं
कर सकते करके हलचल

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

नदी बह रही है अविरल ध्वनि करती है कल कल वृक्ष खड़े हैं प्रहरी बनकर रक्षा करते हैं पल पल तट पर खड़े कतारों में बोल रहे हैं हम सबसे बेखुद तुम खिलवाड़ नहीं कर सकते करके हलचल ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#नदी

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